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श्री.चंदन कुमार बेहरा
जाजपुर, उड़ीसा.
 
फसल का प्रकार : चावल
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श्री. चंदन कुमार बेहरा हर साल अपने खेत में चावल की खेती करते हैं। वह बेहतर पैदावार के लिए विभिन्न रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल कर रहे थे, हालाँकि, बाकी दूसरे किसानों की तरह, उन्हें भी चावल की पैदावार की बेहतर मात्रा नहीं मिल पा रही थी। दूसरी ओर खर्चा लगातार बढ़ रहा था, और श्री बेहरा इस वजह से परेशान थे।
उन्होंने किसी से नेटसर्फ नेटवर्क के जैविक उत्पादों की बायोफिट रेंज के बारे में सुना। वे कुछ किसानों से मिले, जिन्होंने स्वयं बायोफिट प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल किया था, साथ ही परिणामों की खुद जाँच की। जब उन्हें यकीन हो गया, तो उन्होंने बायोफिट के जैविक खेती के तरीकों का इस्तेमाल कर खेती शुरू कर दी।

उन्होंने अपने उस मौजूदा मौसम की चावल की फसल के लिए बायोफिट प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। उन्होंने बायोफिट स्टिमरिच का इस्तेमाल कर बीजों का उपचार किया और परिणामस्वरूप बीजों का बेहतर अंकुरण देखा। इसके बाद उन्होंने 15-20 दिनों के अंतराल के साथ 3 बार बायोफिट स्टिमरिच और बायो-99 का छिड़काव किया। उन्होंने 3 महीनों तक महीने में एक बार वाटर फ्लड सिस्टम के ज़रिये बायोफिट NPK और बायोफिट SHET के मिश्रण का इस्तेमाल किया। इससे अधिक पौधों के साथ, फसल के सेहतमंद विकास में मदद मिली वहीं फसल भी हरी-भरी थी। वास्तव में इसने आखिरी पैदावार में मदद की।
बायोफिट प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल के पहले और बाद में-
पहले चावल की फसल :
  • प्रति एकड़ लागत: रु. 15,000
  • औसत पैदावार: 23 क्विंटल प्रति एकड़
  • बिक्री दर: रु. 1,200 प्रति क्विंटल
  • प्रति एकड़ शुद्ध लाभ: रु. 12,600
बायोफिट के साथ चावल की फसल:
  • प्रति एकड़ लागत: रु. 12,500
  • औसत पैदावार: 27 क्विंटल प्रति एकड़
  • बिक्री दर: रु. 1,200 प्रति क्विंटल
  • प्रति एकड़ शुद्ध लाभ: रु. 19,900
चूँकि उन्होंने बायोफिट के जैविक उत्पादों का इस्तेमाल किया था, इसलिए रासायनिक उर्वरकों पर उनका खर्च बेहद कम हो गया। उनके खेत में अद्भुत परिणामों को देखकर उनके पड़ोसी किसान भी प्रभावित हैं और वे भी बायोफिट के प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने में रुचि रखते हैं। श्री बेहरा बायोफिट प्रोडक्ट्स के परिणामों से बेहद संतुष्ट हैं और उन्होंने अपनी बाकी फसलों के लिए भी इन्हें इस्तेमाल करने का फैसला किया है।