हरिशचंद्र दसाराम टेकम, पारंपरिक खेती के माध्यम से कम से कम रासायनिक उर्वरकों और दवाओं का उपयोग करके किफायती खेती करने का प्रयास करते हैं। उनकी मुख्य खाद्य फसल, धान हैं। वे धान की फसल को बचाने के लिए कीट एवं रोग प्रबंधन पर काफी खर्च करते थे। टेकम धान की रोपाई करते हैं। वे खेत की मल्चिंग के दौरान धान की खेती के लिए आवश्यक उर्वरकों का उपयोग करते हैं।
इस वर्ष गर्मियों में धान की कटाई करते समय हरिशचंद्र टेकम ने धान-1009 कार किस्म का चयन किया। रोपाई से पहले उन्होंने मिट्टी तैयार करते समय 1 लीटर प्रति एकड़ के हिसाब से बायोफिट एनपीके और बायोफिट शेत जैसे जीवाणु उर्वरकों का इस्तेमाल किया था। उसके बाद उन्होंने 30 दिनों के अंतराल पर 1 एकड़ क्षेत्र में 1-1 लीटर बायोफिट एनपीके और बायोफिट शेत को पानी में मिलाकर इस्तेमाल किया। इससे धान की फसल में जोरदार वृद्धि हुई। इससे रासायनिक उर्वरकों पर होने वाला अतिरिक्त खर्च भी बच गया।