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डॉ. गणेश श्रीरंग पोटे
जालना, महाराष्ट्र.
 
कुल क्षेत्रफल/एकड़: 10 बागवानी
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डॉ. गणेश श्रीरंग पोटे एक मेडिकल ग्रेजुएट हैं जो खेती में माहिर हैं। पारंपरिक तरीके से खेती करने के बजाय, वे व्यवसाय उन्मुख खेती करते हैं।

हर साल वे प्रति एकड़ 10-11 क्विंटल सोयाबीन उगाते हैं। कटाई के समय फसल पर आने वाले कीट जैसे पत्तीखोर लार्वा, डाली विनाशकारी लार्वा आदि और तांबरा जैसी बीमारियों से मुख्य रूप से निपटना पड़ता था।

इस खरीफ सीजन में डॉ. पोटे ने 2 एकड़ जमीन पर टोकन विधि से सोयाबीन (किस्म ग्रीनगोल्ड 3344) का बीज बोया। सोयाबीन के अंकुरण के बाद उन्होंने फसल की मुख्य वृद्धि के दौरान 4 बार बायोफिट स्टिमरिच और बायो-99 का छिड़काव किया। परिणामस्वरूप सोयाबीन की फसल की वृद्धि अनुकूल रही, डालियों की संख्या में वृद्धि हुई, फूलों की संख्या में वृद्धि हुई, फूलों का झड़ना कम हुआ, सोयाबीन की फली अच्छी तरह भर गई।

इसके अलावा तांबरा और अन्य जीवाणु जनित बीमारियों से बचाव के लिए एहतियात के तौर पर सोयाबीन की फसल पर 15 दिनों के अंतराल पर बायोफिट रैपअप का छिड़काव किया गया। परिणामस्वरूप, अन्य किसानों की तुलना में उनकी सोयाबीन की फसल पर बीमारी का प्रकोप कम था।
सोयाबीन की पिछली फसल और बायोफिट सोयाबीन की फसल के बीच अंतर
सोयाबीन की पिछली फसल :
  • उत्पादन लागत/एकड़: 23,000 रु.
  • औसत उत्पादन/एकड़: 11 क्विंटल
  • बाजार मूल्य/क्विंटल: 3500 रु.
  • कुल उत्पादन/एकड़: 38,500 रु.
  • शुद्ध लाभ/एकड़: 15,500 रु.
बायोफिट सोयाबीन की फसल :
  • उत्पादन लागत/एकड़ : रु. 28,000
  • औसत उत्पादन/एकड़: 14 क्विंटल
  • बाजार मूल्य/क्विंटल: 5800 रु.
  • कुल उत्पादन/एकड़: 81,200 रु.
  • शुद्ध लाभ/एकड़: 53,200 रु.
इस खरीफ सीजन में डॉ. पोटे ने सोयाबीन की फसल में भारी बदलाव देखा। इस साल उन्हें 14 क्विंटल प्रति एकड़ सोयाबीन की पैदावार हुई है। सोयाबीन की अच्छी पैदावार से उन्हें अच्छा लाभ हुआ। इसके अलावा, बाजार में सोयाबीन का आना कम होने से उन्हें अच्छा बाजार मूल्य मिला।